हंसने के बहाने मत ढूंढ

कभी कभी यूं बेवजह भी खुश रह लिया करो
बिना किसी गुदगुदी के भी हंस लिया करो
हर छोटी कामयाबी में मुस्कान तैरती रहती है
उसमें गोते लगाकर तुम भी उस फुहारे में भीग जाया करो
फ़िज़ूल का वक़्त यूं किसी को याद करने में न ज़ाया करो
बिना वजह हंसकर थोड़ा मन हल्का कर लिया करो
ज़रूरी नहीं कि कल तुम्हें ये मौका मिले
तो जब भी वक़्त आए खुश रहकर ज़िन्दगी जी लिया करो
ऐसा नहीं है कि हर किसी के पीछे कोई कारण हो
तो बिना किसी सवाल जवाब के उस गम को भूल जाया करो
एक ही ज़िन्दगी है मेरे यार, एक ही तुम हो
तो हर रोज घटती उम्र के साथ मरने के बजाए
रोज थोड़ी थोड़ी हंसकर तुम दिल को बहलाया करो
क्या फर्क पड़ता है कि तेरे चेहरे पर हंसी क्यों है
सुकून तो इस बात में है कि तू जो है खुश है….

Published by priya@shandilya

My words are my greatest strength. I love to write on such things through which somebody has already gone through whether that somebody is me or anyone else. I may not be very expressive but yes i am very expressive when words become my source of expression.

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